KUCH MERI KUCH TERI
- 17 Posts
- 28 Comments
इस शराबी को कोई रिंद ना समझ लेना
उनकी बातों में फिर भी आहें हुआ करती हैं
उनकी चाहत में हुआ मेरा हश्र है जैसा
न हो किसी का धडकनें ये दुआ करती हैं
मेरे रकीब बहुत खुश थे मर गया हूँ मैं
प्यार में किस क़दर अफवाहें हुआ करती हैं
मैं तो पीता हूँ के निकलें कई बातें ऐसी
जो तेरी मूंदी अब्रुओं को छुआ करती हैं
Read Comments